
सिंगरौली में एनएसयूआई हल्ला बोल, प्रदेश अध्यक्ष की अगुवाई में शिक्षा के मुद्दों को लेकर हुआ प्रदर्शन
एनएसयूआई के प्रदर्शन पर पुलिस ने चलाया वाटर कैनन, प्रदूषण-बेरोजगारी का कर रहे थे विरोध
सिंगरौली। जिले में एनएसयूआई के प्रदेश अध्यक्ष आशुतोष चौकसे के नेतृत्व में गुरुवार को कलेक्ट्रेट का घेराव किया गया। शिक्षा व्यवस्था में फैली अव्यवस्थाओं, विश्वविद्यालयों में व्याप्त समस्याओं, कॉलेजों में संसाधनों की कमी तथा छात्रों की लंबित मांगों को लेकर गुरुवार को भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन ने सिंगरौली जिला मुख्यालय पर जोरदार प्रदर्शन किया। प्रदेश अध्यक्ष आशुतोष चौकसे के नेतृत्व में आयोजित इस आंदोलन में जिलेभर से एनएसयूआई के सैकड़ों छात्र कार्यकर्ता शामिल हुए, जिन्होंने कलेक्टर कार्यालय के बाहर सरकार के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की और शिक्षा सुधार की मांग की। सुबह से ही एनएसयूआई के कार्यकर्ता बैनर-पोस्टर लेकर जिला मुख्यालय पहुंचे और जुलूस के रूप में कलेक्टर कार्यालय की ओर बढ़े। प्रदेश अध्यक्ष आशुतोष चौकसे के नेतृत्व में छात्रों ने जिला प्रशासन को अपनी मांगों का ज्ञापन सौंपा। इस दौरान एनएसयूआई के कार्यकर्ताओं ने कहा कि प्रदेश में उच्च शिक्षा की स्थिति दिन-प्रतिदिन बदतर होती जा रही है। विश्वविद्यालयों में परीक्षाओं और परिणामों में अनियमितताएं बढ़ी हैं, कॉलेजों में पर्याप्त संसाधनों का अभाव है, जिससे छात्रों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है।
मांगे पूरी न होने पर आंदोलन रहेगा जारी
आशुतोष चौकसे ने प्रशासन को चेतावनी देते हुए कहा कि छात्रों के हक की लड़ाई अब सड़क से लेकर सदन तक लड़ी जाएगी। उन्होंने कहा कि यदि प्रशासन और सरकार ने जल्द ही छात्रों की समस्याओं के समाधान की दिशा में ठोस कदम नहीं उठाए, तो आंदोलन को और भी व्यापक स्तर पर चलाया जाएगा। उन्होंने कहा कि एनएसयूआई छात्रों की आवाज को बुलंद करती रहेगी और तब तक आंदोलन जारी रहेगा जब तक उनकी मांगों को पूरा नहीं किया जाता।
प्रशासन रहा मुस्तैद
आंदोलन के दौरान जिला प्रशासन ने किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए कलेक्टर कार्यालय के बाहर भारी पुलिस बल तैनात किया था। पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों की मौजूदगी में एनएसयूआई प्रतिनिधिमंडल ने छात्रों की समस्याओं को लेकर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा और शीघ्र कार्रवाई की मांग की।
प्रशासन ने वाटर कैनन का किया इस्तेमाल
प्रदर्शनकारी प्रदूषण, विस्थापन, बेरोजगारी और छात्र हितों की मांगों को लेकर जमा हुए थे। इस दौरान पुलिस ने उन्हें रोकने के लिए वाटर कैनन का इस्तेमाल किया। 500 से अधिक छात्र, एनएसयूआई कार्यकर्ता और स्थानीय कांग्रेसी नेता कलेक्ट्रेट के गेट पर पहुंचे। जब छात्र नेताओं ने कलेक्ट्रेट के अंदर घुसने की कोशिश की, तो पुलिस ने उन्हें रोकने के लिए वाटर कैनन से पानी की बौछारें कीं।
स्थानीय युवाओं को कंपनियों से नहीं मिल रहा लाभ
एनएसयूआई प्रदेश अध्यक्ष आशुतोष चौकसे ने कहा कि सिंगरौली जिले में भारी उद्योग और कोयला खदानें होने के कारण गंभीर प्रदूषण है। विस्थापन से प्रभावित लोगों को उचित लाभ नहीं मिल रहा है। इसके बावजूद कि यहां रोजगार के कई अवसर हैं, स्थानीय युवा बेरोजगार हैं क्योंकि कंपनियां सरकारी नियमों का पालन नहीं कर रही हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि मध्य प्रदेश सरकार का 70 फीसदी स्थानीय रोजगार का दावा खोखला है। चौकसे ने यह भी कहा कि भाजपा सरकार के सत्ता में आने के बाद से छात्र संघ चुनाव नहीं हुए हैं, क्योंकि सरकार को डर है कि छात्र संगठन से कोई बड़ा चेहरा उभर सकता है, जिससे उनकी राजनीतिक स्थिति खतरे में पड़ सकती है।
इन सभी मांगों को लेकर एनएसयूआई पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने कलेक्ट्रेट का घेराव किया। इससे पहले, कार्यकर्ताओं ने शहर के विभिन्न इलाकों से रैली निकाली और कलेक्ट्रेट पहुंचे। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया था। एनएसयूआई के इस आंदोलन में जिला एवं ब्लॉक स्तर के पदाधिकारी, छात्र नेता और बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं मौजूद रहे। नारेबाजी के बीच माहौल काफी जोशीला रहा। एनएसयूआई ने साफ किया कि जब तक शिक्षा व्यवस्था में सुधार नहीं होता और छात्रों की मांगें पूरी नहीं की जातीं, तब तक उनका संघर्ष जारी रहेगा इस प्रदर्शन को एनएसयूआई ने छात्रों के हक और भविष्य से जुड़ा आंदोलन बताया और इसे राज्यभर में चलाए जाने वाले अभियान का हिस्सा बताया। प्रदेश अध्यक्ष चौकसे ने कहा कि यह केवल शुरुआत है, आने वाले समय में सरकार को छात्रों की आवाज को सुनना ही होगा।