सिंगरौली जिले के सरई क्षेत्र से आधार सेवा केंद्रों के संचालकों के खिलाफ गंभीर शिकायतें सामने आ रही हैं। स्थानीय लोगों का आरोप है कि इन केंद्रों पर आम नागरिकों, विशेषकर आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों से मनमानी राशि वसूली जा रही है। शिक्षा और जागरूकता की कमी के कारण गरीब और अशिक्षित लोग अपनी आवाज नहीं उठा पा रहे हैं, जिसका फायदा उठाकर आधार सेवा केंद्र संचालक खुलेआम अनैतिक तरीके से वसूली कर रहे हैं। यह स्थिति न केवल सामाजिक अन्याय को दर्शाती है, बल्कि प्रशासनिक निगरानी की घोर लापरवाही को भी उजागर करती है।
विशेष रूप से, सरई तहसील परिसर से 10 मीटर के दूरी पर संचालित आधार सेवा केंद्र एवं खनुआ में संचालित चंदन डिजिटल आधार सेवा केंद्र के खिलाफ शिकायतें प्राप्त हुई हैं। इन केंद्रों पर न केवल निर्धारित शुल्क से अधिक राशि वसूली जा रही है, बल्कि उन सेवाओं के लिए भी शुल्क लिया जा रहा है, जो नियमानुसार निःशुल्क होनी चाहिए। उदाहरण के लिए, 0 से 5 वर्ष की आयु के बच्चों के लिए आधार कार्ड नया बनाना पूर्णतः निःशुल्क है, लेकिन इन केंद्रों पर संचालक बिना किसी संकोच के 200 से 300 रुपये तक की राशि वसूल रहे हैं। यह स्थिति न केवल नियमों का उल्लंघन है, बल्कि समाज के कमजोर वर्गों के शोषण का स्पष्ट प्रमाण है।
प्रशासन की उदासीनता इस मामले में और भी चिंताजनक है। आधार सेवा केंद्रों पर नियमित निगरानी या निरीक्षण की कोई व्यवस्था नहीं दिखती, जिसके परिणामस्वरूप संचालकों का मनोबल बढ़ा हुआ है। यह लापरवाही न केवल नागरिकों के अधिकारों का हनन कर रही है, बल्कि प्रशासन के प्रति जनता के विश्वास को भी कमजोर कर रही है।
ऐसी स्थिति में जिला प्रशासन को तत्काल इस मामले का संज्ञान लेना चाहिए। दोषी आधार सेवा केंद्र संचालकों के खिलाफ कठोर कार्रवाई सुनिश्चित की जानी चाहिए, ताकि भविष्य में इस प्रकार की अनैतिक गतिविधियों पर अंकुश लगाया जा सके। साथ ही, प्रशासन को नियमित निगरानी तंत्र स्थापित करना चाहिए और जनता को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करने के लिए अभियान चलाना चाहिए। यह कदम न केवल आम नागरिकों को अवैध वसूली से बचाएगा, बल्कि प्रशासनिक जवाबदेही और पारदर्शिता को भी सुदृढ़ करेगा, जिससे जनता का विश्वास पुनः स्थापित हो सके।