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बस एक दुल्हन चाहिए जिंदगी भर के लिए…वायरल पोस्ट अजब-गजब:
वायरल पोस्ट मध्यप्रदेश / दमोह :- समय पर शादी न हो तो लोग पूछने लगते शादी कब करोगे उम्र निकली जा रही है।
अजब-गजब: एक कहावत खूब चलन है कि शादी वो लड्डू है जो खाए वो पछताए और जो न खाए वो पछताए, जिसे शादी के लिये दुल्हन नहीं मिल रही हो वह अलग परेशान रहता है।
दुल्हन की तलाश में लोग तरह तरह के तरीके अपनाते है खासकर वह लोग जिनकी शादी नहीं हो रही होती है ।
मध्यप्रदेश दमोह जिले में वायरल पोस्ट में इस युवक ने अपने रिक्शा पर ही अपना बायोडाटा एक बैनर के रूप में चस्पा कर दिया, इस बैनर में युवक की फोटो तो लगा ही है साथ ही उसके बारे में पूरा जानकारी बायोडाटा के रूप में प्रिंट है।
रिक्शा पर बैनर के रूप में लगा उसका बायोडाटा आकर्षण का केंद्र बन चुका है लोग दिलचस्पी के साथ उसका यह बायोडाटा तो पढ़ रहे है,।
इस होर्डिंग में युवक की फोटो के साथ पूरा बायोडाटा है, इसमें लिखा है किसी भी धर्म जाति की लड़की चलेगी, मैं लड़की को हमेशा खुश रखूंगा शहर में वह जहां भी रिक्शा लेकर पहुंचता है, लोग दिलचस्पी के साथ होर्डिंग में लगे बायोडाटा पढऩे लगते हैं।
मामला दमोह जिले से सामने आया है जिसमें एक युवक
अपनी शादी के लिये दुल्हन ढूंढने सभी तरीके अपना लिये लेकिन सफलता हाथ नहीं लगी।
जब यह युवक अपनी दुल्हन की तलाश कर करके परेशान हो गया तब उसने ऐसा तरीका अपनाया कि आप भी कहेंगें की भाई गजब कर दिया आपने।
दमोह का यह युवक एक रिक्शा चालक है और उसने अपने इसी रिक्शा को दुल्हन तलाश करने में अपना सहयोगी बनाने का गजब तरीका अपनाया।
युवक ने बताया कि उसने फेसबुक पर मिले एक वैवाहिक बेवसाइट के फोन नंबर पर संपर्क किया था, उससे कहा गया कि 6 हजार रुपए फीस लगेगी।
जब उसने युवती के बारे में जानकारी चाही तो बताया गया कि वह दमोह के लाडनबाग क्षेत्र में रहती है, इसके बाद युवक ने लाडनबाग में जाकर पता किया तो उस नाम की कोई युवती नहीं मिली।
युवक का कहना है कि अब वह खुद युवती की तलाश में जुटा है, दीपेंद्र नाम के इस युवक के पिता सोमनाथ राठौर पटेरा जनपद में चपरासी थे, अब वह रिटायर्ड हो चुके हैं।
एक बड़ा भाई है, जिसकी शादी हो चुकी है, वह मेडिकल रिप्रजेन्टेटिव है, बड़ा भाई पत्नी-बच्चों के साथ अलग रहता है।
युवक ने कहा कि खाने-पीने की बहुत परेशानी होती है इसलिए चाहता हूं कि जल्द शादी हो जाए, उसकी उम्र 30 साल हो चुकी है लेकिन अब तक शादी नहीं हो पाई है।
युवक ई-रिक्शा चलाता है, युवक ई-रिक्शा चलाकर भरण पोषण करता है, उसने कहा कि जो भी युवती मेरी जीवन संगिनी बनेगी, उसे हमेशा खुश रखूंगा।
इस पहल में युवक के माता-पिता ने भी सहमति जताई है, माता-पिता पूजा-पाठ में व्यस्त रहते हैं, इसलिए उनके पास लड़की खोजने का समय नहीं है।
माता-पिता ने शुरुआत में प्रयास किए लेकिन कहीं से रिस्पॉन्स नहीं मिला