फिर कर्ज लेगी मोहन सरकार: DA और लाड़ली बहना योजना की किस्तें करेंगे जमा,
सादिका पवित्र – मध्यप्रदेश डेस्क
भोपाल :- मोहन सरकार फिर ले रही 4500 करोड़ का कर्ज, लाड़ली बहना योजना और DA भुगतान के लिए जुटाया जा रहा फंड 4500 करोड़ का फिर कर्ज लेगी मोहन यादव सरकार:डीए और लाड़ली बहना योजना की किस्तें करेंगे जमा;
एक बार फिर कर्ज लेने की जरूरत क्यों पड़ी?
बताया जा रहा है कि यह कर्ज इसलिए लिया जा रहा है ताकि कर्मचारियों के महंगाई भत्ते का भुगतान किया जा सके. राज्य के विभिन्न शहरों और परियोजनाओ से जुड़े विकास कार्यों के लिए राशि उपलब्ध करायी जा सके. इसके साथ ही लाडली बहना योजना की किस्तें जमा हो सकें. बारिश से पहले विभिन्न निर्माण कार्यों के खर्चों का भुगतान भी एक बड़ी वजह है.
मोहन सरकार ने वित्त वर्ष 2025-26 के दौरान अब तक 9500 करोड़ रुपए का कर्ज लिया है. अप्रैल को छोड़कर हर महीने सरकार कर्ज लेती रही है. नए कर्ज के साथ कुल कर्ज की राशि बढ़कर लगभग 4 लाख 31 हजार 740 करोड़ रुपए हो जाएगी. यह माना जा रहा है कि यह कर्ज राज्य की आर्थिक स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा
अभी तक ऐसी है कर्ज की स्थिति
मोहन सरकार ने वित्त वर्ष 2025-26 के दौरान अब तक 9500 करोड़ रुपए का कर्ज लिया है. अप्रैल को छोड़कर हर महीने सरकार कर्ज लेती रही है. नए कर्ज के साथ कुल कर्ज की राशि बढ़कर लगभग 4 लाख 31 हजार 740 करोड़ रुपए हो जाएगी. यह माना जा रहा है कि यह कर्ज राज्य की आर्थिक स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा.
पिछले महीने 5 हजार करोड़ रुपए कर्ज लिया
सरकार ने इसके पहले 7 मई को दो कर्ज ढाई-ढाई हजार करोड़ रुपए के लिए हैं. मई में ढाई हजार करोड़ का पहला कर्ज 12 साल के लिए सात मई को लिया गया था जिसका ब्याज सात मई 2037 तक के लिए चुकाना है. इसी तरह ढाई हजार करोड़ रुपए का दूसरा कर्ज सात मई को ही 14 साल के लिए लिया गया है. जिसकी भरपाई सात मई 2039 तक ब्याज के रूप में होगी.
राज्य की आमदनी और खर्च का तुलनात्मक विश्लेषण
अगर रेवेन्यू सरप्लस (राजस्व अधिशेष) की बात करें, तो वित्त वर्ष 2023-24 में राज्य सरकार ने 12,487.78 करोड़ रुपए का अधिशेष दिखाया था। इस दौरान राज्य की कुल आमदनी 2,34,026.05 करोड़ रुपए रही, जबकि खर्च 2,21,538.27 करोड़ रुपए तक सीमित रहा।
रिवाइज्ड आंकड़ों के अनुसार, 2024-25 में राज्य की आमदनी बढ़कर 2,62,009.01 करोड़ रुपए हो गई, जबकि खर्च 2,60,983.10 करोड़ रुपए रहा। इस प्रकार राज्य को 1025.91 करोड़ रुपए का रेवेन्यू सरप्लस मिला, जो संकेत देता है कि वित्तीय स्थिति फिलहाल संतुलन में है, लेकिन ऋण भार को लेकर सतर्क रहना आवश्यक होगा।
कर्ज पर सियासत जारी
सरकार की कर्ज लेने पर मध्य प्रदेश में एक बार फिर सियासत गरमा गई है नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार कर्ज लेकर मध्य प्रदेश में इवेंट करने और सरकार के घी पीने की बात कही तो उधर मध्य प्रदेश सरकार के खेल युवा कल्याण मंत्री विश्वास सारंग में कर्ज को विकास कार्य की जरूरत बताया और साफ किया कि प्रदेश में विकास कार्य को गति देने के लिए जरूरी हैं.
कर्ज लेने के पीछे क्या कारण हैं?
सरकार द्वारा उठाए जा रहे इस ऋण का उद्देश्य राज्य की विभिन्न योजनाओं और बुनियादी ढांचे के कार्यों को वित्तीय सहायता प्रदान करना है। इनमें प्रमुख उद्देश्य निम्नलिखित हैं:
विकास परियोजनाओं के लिए फंडिंग: राज्य में चल रहे इंफ्रास्ट्रक्चर और विकास कार्यों के लिए पूंजी जुटाना।
कर्मचारियों के वेतन-भत्ते: विशेष रूप से महंगाई भत्ते (DA) का भुगतान सुनिश्चित करना।
‘लाड़ली बहना योजना’ की किस्तें: महिलाओं के लिए चलाई जा रही इस लोकप्रिय योजना की मासिक किस्तें समय पर वितरित करना।
मानसून पूर्व निर्माण कार्य: बारिश से पहले आवश्यक निर्माण व मरम्मत कार्यों के लिए धन की जरूरत पूरी करना।
