मासूम हर्ष की बात को सुनकर कुलपति प्रो के दिशा-निर्देश पर पिता की हुई सर्जरी

संवादाता (उ.प्र.) इटावा :- उत्तर प्रदेश के इटावा के गांव भरथना के रहने वाले एक मासूम की पीड़ा सुन डॉक्टर का दिल पसीज गया. ।
यूपीयूएमएस सैंफई में पहली बार लंबे समय से जबड़े के कैंसर से पीड़ित 45 साल के प्रमोद की जटिल सर्जरी कर उनके जबड़े का प्लास्टिक सर्जरी द्वारा पुनर्निर्माण किया गया है।
इस तरह की जटिल सर्जरी पहली बार की गई है. 14 साल के मासूम हर्ष की बातों को सुन कुलपति प्रोफेसर डॉ. प्रभात कुमार सिंह के निर्देशन में पटना एम्स के 2 डॉक्टर्स से संपर्क कर बुलाया गया और यूपीयूएमएस सैंफई के डॉक्टर्स ने मिलकर सर्जरी की. इस जटिल सर्जरी के लिए पटना एम्स की डॉ. बीना कुमारी और डॉ. अंसार उल हक की सहभागिता के साथ यूपीयूएमएस सैंफई के प्लास्टिक सर्जरी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ अतुल सक्सेना, दंत चिकित्सा संकाय से डॉ गौरव जैन, ऐनिस्थया विभाग के डॉ मनोज यादव,डॉ अतीत, डॉ पूर्वा, विशेषज्ञ डॉक्टर की टीम तैयार की गई और मरीज का सफल ऑपरेशन किया गया।
डॉ अतुल ने बताया कि मरीज जबड़े के कैंसर से पीड़ित था. उनके जबड़े के कैंसर का ऑपरेशन ऑनकोलॉजी विभाग द्वारा किया गया. इसके बाद जबड़े का एक हिस्सा निकाल दिया गया और मरीज के जबड़े का फिर से निर्माण करने के लिए प्लास्टिक सर्जरी द्वारा एक जटिल ऑपरेशन हुआ.।
इस ऑपरेशन में पैर की हड्डी और त्वचा निकालकर जबड़े में लगाई गई और बारीक खून की नलियों को गर्दन की नालियों से जोड़ कर इस ऑपरेशन को किया गया।
बच्चे ने कुलपति को भी किया प्रभावित
क्लास 7 में पढ़ने वाले 12 साल के हर्ष लगभग पिछले पांच महीने से अपने पिता का इलाज यूपीयूएमएस सैंफई में करवा रहा है. जब वह पहली बार कुलपति से मिला और उसने अपनी सारी वेदना कही तब कुलपति भी उससे बहुत प्रभावित हुए. ।
कुलपति प्रो. डॉ प्रभात कुमार सिंह ने कहा कि जब यह बच्चा मुझे पहली बार मिला उसने बताया कि उसके सहयोग के लिए कोई भी नहीं है. ।
संस्थान मेरी क्या मदद कर सकता है क्योंकि मुझे पिताजी का बेहतर इलाज करना है. तो मैंने उसके पिता के इलाज के लिए विशेष टीम का गठन किया. उन्होंने कहा कि व्यक्तिगत रूप से मुझे हर्ष ने बहुत प्रभावित किया इसीलिए मैं कहना चाहूंगा जो लोग यह धारणा रखते हैं कि बड़े-सरकारी अस्पतालों में आम लोगों का इलाज सही से नहीं होता वहीं इस 12 साल के बालक ने समाज के सामने एक उदाहरण प्रस्तुत किया कि अगर सही प्रयास और व्यवस्थाओं का सही ज्ञान हो तो किसी भी गरीब व्यक्ति का बेहतर से बेहतर इलाज किया जा सकता है।
चिकित्सा अधीक्षक डॉ एसपी सिंह ने बताया कि इस जटिल सर्जरी के लिए कुछ और विशेषज्ञ डॉक्टरों की जरूरत थी, इसीलिए कुलपति के सार्थक प्रयास से पटना एम्स के 2 डॉक्टरों को बुलाया गया जिससे हमारी टीम सफल सर्जरी कर पाई. ।
वर्तमान में प्रमोद सामान्य जीवन की ओर लौट रहे हैं और समय-समय पर आकर डॉक्टरों की देखरेख में जांच करवाते रहते है. डॉ सिंह ने बताया कि कैंसर पीड़ित प्रमोद का सारा इलाज और सर्जरी विश्वविद्यालय की ओर से निशुल्क हुआ है और प्रमोद को लगातार सहयोग प्रदान किया जा रहा है.।
कक्षा 7वीं में पढ़ने वाले हर्ष ने कहा कि विश्वविद्यालय के सभी विभागों के डॉक्टर्स के सहयोग के लिए धन्यवाद देता हूं क्योंकि मेरे साथ इस मुश्किल समय में कोई भी पारिवारिक व्यक्ति नहीं था, लेकिन विश्वविद्यालय के डॉक्टर्स और सभी स्टाफ ने परिवार की तरह मेरा साथ हर कदम पर दिया।
