निगरी पंचायत में घोटालों का अंबार, ग्रामीणों में आक्रोश उच्च स्तरीय जांच की मांग
गौशाला मे हुए भ्रष्टाचार पर जिम्मेदारों की चुप्पी संदेश के घेरे में
सिंगरौली जिले के जनपद पंचायत देवसर अंतर्गत ग्राम पंचायत निगरी में भ्रष्टाचार और अनियमितताओं का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। ग्रामीणों का आरोप है कि पंचायत में हुए विकास कार्यों में सरपंच और सचिव द्वारा जमकर धांधली की गई है। गौशाला, स्ट्रीट लाइट, सफाई व्यवस्था, तालाब गहरीकरण सहित विभिन्न योजनाओं में करोड़ों रुपये के गबन का आरोप लगाते हुए ग्रामीणों ने प्रशासन से उच्च स्तरीय जांच की मांग की है।
गौशाला में स्ट्रीट लाइट का घोटाला
ग्रामीणों ने बताया कि पंचायत के गौशाला परिसर में स्ट्रीट लाइट लगाने का कार्य कागजों में पूरा दिखा दिया गया है, जबकि हकीकत में एक भी लाइट नहीं लगाई गई। आश्चर्य की बात है कि मरम्मत और खरीदी के नाम पर दो लाख रुपये से अधिक की राशि का आहरण कर लिया गया। आरोप यह भी है कि फर्जी बिल और मस्टर रोल तैयार कर राशि को हड़प लिया गया।
सफाई व्यवस्था ठप, फिर भी राशि खर्च
स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत निगरी पंचायत में सफाई व्यवस्था पूरी तरह ठप पड़ी है। सफाई कर्मचारियों की तैनाती और कार्यवाही कागजों में दर्ज है, लेकिन जमीन पर गंदगी का अंबार साफ देखा जा सकता है। इसके बावजूद सफाई मद में लाखों रुपये की राशि खर्च दिखाकर आहरण कर लिया गया।
तालाब गहरीकरण में भी गड़बड़ी…?
ग्राम निगरी के सरैहा चौराहा के पास स्थित शिवपाल तालाब का मामला भी ग्रामीणों के गुस्से का कारण है। तालाब की गहरीकरण और सफाई का कार्य पहले ही जेपी कम्पनी की मशीनों से कराया गया था कंपनी के हाइवा और जेसीबी मशीनें लगातार वहां काम करती देखी गईं इसके अलावा आर.के. ट्रेडर्स निगरी की दो जेसीबी और चार ट्रैक्टर भी तालाब की मिट्टी निकालने में लगे हुए थे ग्रामीणों ने बताया कि तालाब से निकली मिट्टी को 250 रुपये प्रति ट्राली बेच दिया गया, लेकिन मजदूरी और कार्य खर्च के नाम पर फर्जी मस्टर रोल बनाकर लाखों रुपये शासन से निकाल लिए गए।
सूत्रों का कहना है कि इन घोटालों की शिकायतें कई बार प्रशासनिक अधिकारियों तक पहुंचाई गई हैं। बावजूद इसके अब तक कोई जांच नहीं कराई गई। इसी कारण सरपंच और सचिव के हौसले बुलंद हैं और भ्रष्टाचार का सिलसिला लगातार जारी है। ग्रामवासी चैन सिंह ठाकुर ने आरोप लगाया कि पंचायत में हुए सभी कार्यों की हकीकत सामने लाने के लिए निष्पक्ष जांच जरूरी है। उन्होंने कहा कि “गौशाला में न स्ट्रीट लाइट लगी है, न ही कोई मरम्मत हुई, लेकिन कागजों में लाखों रुपये खर्च दिखा दिए गए। इसी तरह सफाई और तालाब गहरीकरण में भी फर्जीवाड़ा हुआ है।”
ग्रामवासियों ने प्रशासन से मांग की है कि निगरी पंचायत में हुए भ्रष्टाचार की उच्च स्तरीय जांच कराई जाए और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। उनका कहना है कि यदि जल्द ही कार्रवाई नहीं हुई तो वे सड़क पर उतरकर विरोध प्रदर्शन करने को बाध्य होंगे।
