सिंगरौली:- गत विधानसभा चुनाव पूर्ण होने में तकरीबन 2 वर्ष का समय व्यतीत हो चुका है किंतु सिंगरौली नगर निकाय के अंदर ही बहुत सारे सड़क निर्माण को दृष्टिगत रखा जाए तो स्थितियां सही नहीं है तहसीलदार पटवारी शिक्षक और न जाने कितने लोग विधायक प्रतिनिधि सहित घोटाले पर घोटाले करते जा रहे हैं NH39 को देखा जाए तो उसमें भी अभी कोई परिवर्तन नहीं दिख रहा है जेपी प्लांट मझौली द्वारा भूमि अधिग्रहण शासन के सहयोग से किया जा रहा है जहां धारा 6 धारा 11 और धारा 4 को किनारे करके सारी कार्यवाही की जा रही है यह कहीं ना कहीं नियम के विरुद्ध है सिंगरौली जिले में विधायक और सांसद तो दूर की बात है 871 ऐसे वाहन है जिसमे सायरन और लाल नीली बत्ती का उपयोग किया गया है साथ ही अपने-अपने वाहनों में गैर अनुबंध वाहनों में मध्यप्रदेश शासन/भारत सरकार अंकित कराकर खुलेआम सिंगरौली की रोड पर घूमती दिख रही है नियम और कानून तो केवल गरीब जनता के लिए है कुछ समय पूर्व संजय सिंह परिहार फार्मासिस्ट जिला चिकित्सालय बैढ़न द्वारा पुलिस अधीक्षक कार्यालय में पदस्थ सुरेंद्र पांडे सहायक उप निरीक्षक के सहयोग से समाजसेवी संजय कुमार चतुर्वेदी जी को आतंकवादी बनाने का षड्यंत्र रचा गया था जिसमें पुलिस ने कोई कार्यवाही नहीं की इस बात की जानकारी सांसद श्री डॉक्टर राजेश मिश्रा जी को ज्ञात है किंतु इस मामले को किसी ने ध्यान नहीं दिया, सिद्धिकला में एनम सरस्वती जायसवाल को फर्जी कलेक्टर का हस्ताक्षर कर वर्ष 2023 (दिसंबर) में सेवा से पृथक कर दिया गया था जिसमें आज तक कलेक्टर सिंगरौली और पुलिस अधीक्षक सिंगरौली द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गई, कहीं ना कहीं आम जनता हो रहे यातायात की कहीं ना कहीं कमियो के कारण आए दिन दुर्घटनाओं से पीड़ित है विधायक और संसद के घर में ऐसी दुर्घटनाएं हुई तो समझ में आए यहां तो तानाशाही है और यदि यही तानाशाही बनी रही तो मऊगंज की स्थिति अप्रैल बीतते-बीतते बन जाएगी शासन प्रशासन अंधा हो चुका है केवल पैसे दिखते हैं सिंगरौली में लोग पोस्टिंग करते हैं तो विधायक 2 करोड रुपए की मांग करते हैं थानों में जाए तो कम से कम 20 लाख रुपए से नीचे की राशि नहीं होती यह स्थितियां जिला सिंगरौली की है …शेष अगले अंक में…