छत से प्लास्टर गिरने और दीवारों में दरारों के चलते स्वास्थ्य सेवाओं पर असर पड़ रहा है
संवाददाता श्याम नंदन शुक्ला, सिद्धार्थनगर: सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र इटवा जो सिद्धार्थनगर का बीआईपी विधानसभा माना जाता है जहां पर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र इटवा की बिल्डिंग बहुत ही जर्जर हो चुकी है जहां पर मरीज डर कर इलाज करवाने के लिए है मजबूर करीब तीन साल से भवन के ध्वस्तीकरण प्रक्रिया अभी तक पूर्ण नहीं हो सकी है।
जिस प्रकार भवन की हालत दयनीय है, होना ये चाहिए कि इसे चिह्नित करते हुए चेतावनी लिखी जाए कि इधर आना खतरे से खाली नहीं है।
परंतु मजबूरी, कि इसी भवन में न केवल ओपीडी चलाई जाती है। बल्कि यहीं पर जनरल व मस्तिष्क वार्ड भी संचालित किए जा रहे हैं। अल्ट्रासाउंड की मशीन है जो बहुत दिनों से कभी भी नहीं चल रही है व ऐक्सरे की जांच के अलावा दवा का स्टोर रूम भी इसी भवन में चल रहा है। इधर ध्वस्तीकरण प्रक्रिया में तेजी आई है। डीएम व सीएमओ द्वारा निरीक्षण भी किया, मगर अभी ध्वस्तीकरण शुरू नहीं हुआ है।
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के अधीक्षक डॉक्टर श्री संदीप द्विवेदी जी से बात की गई तो उन्होंने बताया अल्ट्रासाउंड मशीन है लेकिन कोई ऑपरेटर नहीं है इसीलिए नहीं हो पा रही है फिर भी गर्भवती महिलाओं की जांच प्राइवेट अल्ट्रासाउंड सेंटर पर करवाई जाती है।
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