जयंत से मोरवा मार्ग में उड़ते कोयले के डस्ट से राहगीर परेशान
मोटरसाइकिलों से यात्रा करना मुश्किल, कोल परिवहन के चलते बनी है समस्या
सिंगरौली। जयंत से लेकर शुक्ला मोड़, पंजरेह-मोरवा तक कोयले के डस्ट से जीना दुश्वार हो गया है। जिस दिन बारिश होती है, उस दिन डस्ट से कुछ राहत मिलती है, लेकिन बारिश के थमते ही रेलवे स्टेशन-शुक्ला मोड़ से जयंत खदान तक डस्ट ही डस्ट नजर आता है। दरअसल जयंत से लेकर कांटा मोड़, शुक्ला मोड़, रेलवे स्टेशन, मोरवा व पंजरेह मार्ग में कोयला परिवहन से उसका डस्ट रेल के धुओं के गुब्बारों के तरह उड़ता है। आलम यह है कि कोल वाहन एनसीएल जयंत से कोलयार्ड में परिवहन करते समय अधिकांश बिना तिरपाल के ही करते हैं। जबकि एनजीटी के साथ-साथ प्रदूषण अमला भी सख्त निर्देश दिया हुआ है। इसके बावजूद उक्त निर्देशों का शत-प्रतिशत पालन नही करा पा रहा है। जिसके चलते इस मार्ग में इन दिनों मोटरसाइकिल से यात्रा करना जोखिम भरा साबित होता है। यहां तक कि उक्त मार्ग से मोटरसाइकिल से लोग चलने में परहेज करते हैं, लेकिन मजबूरी के कारण लोग सफर कर रहे हैं। फिर इस दौरान उनके चेहरे कोयले से काले हो जाते हैं। जिससे लोग तरह-तरह बीमारियों से ग्रसित हो रहे हैं। वहीं एनसीएल अमला इसके प्रति गंभीर नही दिख रहा है। यहां के लोग बताते हैं कि कोल डस्ट इतना उड़ रहा है कि मुँह में कपड़े बांध कर ही चलना पड़ता है। एनसीएल प्रबंधन प्रदूषण हटाने के नाम पर केवल खानापूर्ति करने का वाहवाही लूट रहा है।
