
सिंगरौली। ग्राम पंचायतों में चेक डेम के निर्माण कार्य में जमकर कमीशनखोरी हुई है और पंचायतों के अधिकांश चेक डेम कमीशन के भेंट चढ़ जाने से एक सीजन का बारिश भी नही झेल पाया। ताजा उदाहरण ग्राम पंचायत चितावल खुर्द का है। जानकारी के अनुसार जनपद पंचायत क्षेत्र चितरंगी के ग्राम पंचायत चितावल खुर्द के दहनाला पर इसी साल के गर्मी महीने में अधोसंरचना मद से तकरीबन 10 लाख रूपये की लागत से क्रियान्वयन एजेंसी ग्राम पंचायत के द्वारा दहनाला पर चेक डेम का निर्माण कार्य कराया गया था, किंतु जुलाई महीने के दूसरे सप्ताह में ही लाखों रूपये की लागत से बना चेक डेम ध्वस्त हो गया है।
सूत्र बताते हैं कि करीब 8 लाख रूपये भी आहरित कर ली गई। बताया जाता है कि उपयंत्री एवं एसडीओ के मिलीभगत से ही चेक डेम का निर्माण कार्य कराया गया। जिसके चलते इस सीजन के पहली ही बारिश में चेक डेम बीचों-बीच ध्वस्त हो गया है। यहां के कई ग्रामीणों का आरोप है कि चेक डेम निर्माण के दौरान एक दिन भी सहायक यंत्री एवं उपयंत्री कार्य स्थल का अवलोकन करने नही पहुंचे। लिहाजा क्रियान्वयन एजेंसी ग्राम पंचायत अपने मनमुताबिक गुणवत्ता विहीन कार्य कराया गया।
ग्रामीणों ने यह भी आरोप लगाया कि जिस दौरान चेक डेम का कार्य हो रहा था, उसके गुणवत्ता को लेकर मौखिक तौर पर तत्कालीन जनपद पंचायत के प्रभारी सीईओ एवं सहायक यंत्री एवं उपयंत्री को अवगत कराया गया था। किंतु उपयंत्री एवं एसडीओ कमीशनखोरी के चलते पंचायत पर दबाव नही बना पाया और नतीजा यह निकला कि पहली ही बारिश में करीब 10 लाख रूपये की लागत से मंजूर चेक डेम कमीशनखोरी के चलते भेंट चढ़ गया। ग्रामीणों ने इस ओर कलेक्टर का ध्यान आकृष्ट कराते हुये उक्त मामले की निष्पक्ष जांच कराकर दोषी पंचायत के सरपंच समेत सचिव, जीआरएस एवं सहायक यंत्री व उपयंत्री के विरूद्ध राशि वसूली कर कड़ी कार्रवाई कराये जाने की मांग की है।
सरपंच से लेकर उपयंत्री तक है सांठगांठ
जानकारी के अनुसार ग्राम पंचायत चितावल खुर्द में करीब 10 लाख रूपये की लागत से मंजूर चेक डेम करीब दो महीने के अंदर ही बारिश के सीजन में ध्वस्त हो गया। गुणवत्ता विहीन घटिया निर्माण कार्य के चलते चेक डेम ध्वस्त हुआ है। कई ग्रामीणों ने नाम न छापने क शर्त पर बताया है कि चेक डेम के निर्माण कार्य में सहायक यंत्री एवं उपयंत्री व सचिव के सहभागिता से घटिया निर्माण कार्य हुआ है। निर्धारित मापदण्ड के अनुसार कार्य नही कराया गया और उपयंत्री, सहायक यंत्री ने मूल्यांकन भी कर दिया। करीब 8 लाख रूपये आहरित भी कर ली गई है। यह भी आरोप है कि जिम्मेदार अधिकारी सब कुछ जानते हुये अनजान बने हुये हैं। निर्माण कार्य ठेकेदारी प्रथा के तर्ज पर कराया गया।
अधोसंरचना मद के राशि में कमीशनखोरी की बू
जिले में अधोसंरचना मद की राशि में जमकर बंदरबांट क्रियान्वयन एजेंसी कई ग्राम पंचायतों के द्वारा की गई है। आरोप लगाया जा रहा है कि यह सब कुछ कथित अधिकारियों के संज्ञान में है। जिसके चलते लूट-खसोट करने वाले पंचायतों पर कई जिम्मेदार अधिकारी मेहरवान हैं। जिसके चलते पंचायतों में भ्रष्टाचार चरम सीमा पर है। इतना ही नही कई ग्रामीणों का यह भी आरोप है कि पंचायत के सरपंचों व सचिव एवं जीआरएस की पहुंच प्रदेश सरकार के सत्ताधारी नेताओं के यहां होने से भ्रष्टाचार को लगातार बढ़ावा मिल रहा है। जिसके चलते कई सचिव ठेकदारी भी कर रहे हैं। ग्राम पंचायत चितावल खुर्द उदाहरण है। ग्रामीणों ने इस ओर कलेक्टर का ध्यान आकृष्ट कराते हुये कहा है कि जिला पंचायत सीईओ से निष्पक्ष जांच कर कार्रवाई करने की कोई उम्मीद नही रह गई है। अलग से जांच टीम गठित कराये जाने की मांग की है।