गायों के शेल्टर में एक बार फिर घुस गया बारिश का पानी
पिछले वर्ष भी भारी बारिश के दौरान पानी भरने से तीन गायों की मौत हो गई थी
सिंगरौली। शनिवार-रविवार की दरम्यानी रात हुई धुआंधार बारिश ने नगर निगम की लचर कार्यशैली को उजागर कर दिया। पशुपालन विभाग स्थित घायल गायों के शेल्टर में एक बार फिर बारिश का पानी घुस गया। जिससे अपाहिज गायों की जान खतरे में पड़ी रही, लेकिन नगर निगम के लोगों पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ा। किसी तरह गौ सेवा संस्थान के वालंटियर्स ने गायों को खींचकर बाहर निकाला। गौ सेवा संस्थान के युवाओं ने कहा कि हर बारिश के साथ शेल्टर परिसर तालाब में तब्दील हो जाता है। अब तक कई घायल गायें डूबकर मर चुकी हैं। पानी में भीगकर दवाएं व चारा खराब हो जाता है। बचाव टीम की मेहनत बर्बाद हो जाती है। कहा कि पिछले वर्ष भी भारी बारिश के दौरान पानी भरने से तीन गायों की मौत हो गई थी। उस दर्दनाक घटना के बाद तत्कालीन कलेक्टर ने नगर निगम आयुक्त को आदेश दिया था कि शेड और ड्रेनेज की व्यवस्था बनाई जाए, ताकि भविष्य में कोई मवेशी मौत के मुंह में न जाए। गत अप्रैल माह में कलेक्टर ने पुनः पत्र लिखकर चेतावनी दी थी कि मानसून से पहले यह कार्य हर हाल में पूरा किया जाए। नगर निगम ने 13 जून को टेंडर तो जारी कर दिया। लेकिन उस पर आगे की कार्यवाही शुरू नहीं की गई। सुनने में आ रहा है कि शेल्टर मरम्मत का ठेका इंटरप्राइजेज नामक फर्म को दिया गया, परंतु अगस्त तक भी काम शुरू नहीं हो पाया। शेल्टर में पानी भरने की समस्या जस की तस है। गत वर्ष अगस्त से लेकर आज तक कई बार लिखित शिकायतें की गईं, लेकिन नगर निगम के ईई और आयुक्त के उदासीन रवैये के कारण कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। उनकी लापरवाही से न सिर्फ निर्दोष पशुओं की जान खतरे में है, बल्कि संस्थान के संसाधन-दवाइयां, बंधन, मशीनें और बचाव दल की मेहनत सब पानी में बह रही हैं। शेल्टर की मरम्मत के नाम पर लाखों रुपये की बंदरबांट कर चुके नगर निगम के जिम्मेदारों के प्रति गौ प्रेमियों में नाराजगी बढ़ गई है। लोगों ने कहा कि यह सिर्फ अनदेखी नहीं बल्कि प्रशासनिक संवेदनहीनता है।
