
सिंगरौली । कुछ महीनों के भीतर ही जिस तरह से बरगवां के टीआई को थाने से हटा दिया गया उससे तो ये साफ दिखाई दे रहा है कि कहीं न कहीं ये कोल माफियाओं के मिलीभगत से उन्हें यहां रहने नही दिया गया और उन्हें लाइन अटैच्ड करवा दिया गया है। हालांकि टीआई राकेश साहू को हटा देना बरगवां के लोगाें को गले नहीं उतर रहा है। माना तो यह भी जा रहा है कि पिछले सोमवार गोंदवाली साइडिंग में संयुक्त टीम राजस्व, खनिज और पुलिस मिलकर जांच करने पहुंची थी और वहां लगभग 12800 मैट्रिक टन कोल जब्त किया गया था और उनके सैंपल ले उन्हें जांच के लिए भेज दिया गया था।
सूत्रों के अनुसार हो न हो राकेश साहू को बरगवां थाने से हटाने का कार्य कोल माफियाओं द्वारा किया गया। कोल मिलावट का कार्य जिस गति से चल रहा है उसे निपटने के लिए संयुक्त टीम बनाई गई और जांच करने भी पहुंची। महज एक हफ्ते के अंदर ही टीआई साहू के ऊपर गाज गिराना यह कहीं से किसी के मन से नहीं उतर रहा है।
कुछ ही महीनों में हुए लाइन अटैच
सूत्रों के अनुसार कोयले में संलिप्त भाजपा नेता के दबाव में जिस तरह से यह कार्य किया गया है उससे तो यह साफ हो रहा है कि कहीं न कहीं टीआई साहब इन कोल माफियाओं के आड़े आ रहे होंगें जिसे कोल माफिया बर्दाश्त नहीं कर पाये और टीआई को लाइन अचैच्ड करवा दिया गया। स्थानीय सूत्रों के अनुसार देवसर विधायक द्वारा पत्र लिखकर टीआई राकेश साहू को बरगवां से हटाने प्रभारी मंत्री को पत्र लिखा गया था। और कुछ दिन भी नहीं लगा टीआई साहब को पुलिस कप्तान ने प्रभारी मंत्री के परामर्श उपरांत उन्हें बरगवां से हटा पुलिस लाईन अटैच कर दिया गया।
सोशल मीडिया में बरगवां टीआई की जमकर हो रही तारीफ़
टीआई राकेश साहू की सोशल मीडिया में जमकर तारीफ़ हो रही है। लोग उनके काम की सराहना कर रहे हैं और उनके द्वारा उठाए गए क़दमों को सराहनीय बता रहे हैं। टीआई राकेश साहू द्वारा किए गए सकारात्मक कार्य, जैसे कि अपराधों पर नियंत्रण, जनता के साथ अच्छा व्यवहार, और सामुदायिक सेवा के कार्य, लोगों को प्रभावित कर रहे हैं। उनकी पारदर्शिता और जवाबदेही की भावना, जो सोशल मीडिया पर दिखती है, लोगों में विश्वास जगाती है। उनके नेतृत्व और काम करने के तरीके की सराहना की जा रही है। वही कई लोगों ने लिखा की कोल माफियाओं के सड़यंत्र के शिकार हुए बरगवां थाना प्रभारी। वही कुछ लोगो ने लिखा : शाह की सक्रियता से तिलमिलाए माफिया और उनके चाटुकारों ने जैसे जाल बिछा रखा था। अब हालात ये हैं कि बरगवां में शाह की गैरमौजूदगी में कोयला मिलावट का गंदा खेल फिर शुरू हो जाएगा। खुलेआम, दिनदहाड़े, बेलगाम तरीके से चल रहा है। भस्सी और चारकोल से लदा ट्रक, बिना रोक-टोक सड़कों पर दौड़ने लगेंगे।
राजनैतिक संरक्षण में प्रशासन बौना !
सिंगरौली जिले में कोल माफियाओं को ऐसा राज चल रहा है जिसे शायद कोई रोकने वाला नजर नहीं आ रहा है और अगर कोई इन पर नजर उठाकर देखता भी है तो उसे वहां से हटा दिया जाता है। यहीं इन दिनों सिंगरौली जिले में हो रहा है। ऐसा लग रहा है माने राजनैतिक सुरक्षण में प्रशासन बौना हो गया है और यहां सिर्फ चलती है तो केवल कोल माफियाओं की है यह जरूर साबित हो रहा है। ऐसा नहीं है कि प्रशासन इन कोल माफियाओं का कुछ नहीं कर सकती लेकिन इन पर हाथ डालना भी अब बहुत बड़ी बात हो रही है।