
सिंगरौली, 24 मई से शुरू होने वाले सिंगरौली महोत्सव कार्यक्रम के लिए स्थानीय कलाकारों को आमंत्रित किया गया था लेकिन स्थानीय कलाकारों ने इस महोत्सव में रुचि नहीं दिखाई पूरे जिले में करीब हजारों प्रतिभाएं छिपी हुई है लेकिन इस महोत्सव में भाग लेने के लिए सिर्फ 115 प्रतिभागियों ने आडिशन दिया अब इनमें से चयन समिति छटनी करेगी और कुछ ही गिने चुने कलाकारों को मुख्य कार्यक्रम में भाग लेने का अवसर दिया जाएगा जिस तरह से पूरे जिले से सिर्फ 115 प्रतिभागियों ने आडिशन दिया ऐसे में स्पष्ट हो रहा है कि इस महोत्सव को लेकर स्थानीय कलाकारों में कोई रुचि नहीं है इसकी प्रमुख वजह यह है कि इस कार्यक्रम को संपन्न कराने में करोड़ों रुपए खर्च होंगे और बाहरी कलाकारों को लाखों रुपए दिए जाएंगे लेकिन स्थानीय कलाकारों को एक रुपये भी मिलने वाले नही हैं इसी वजह से सिंगरौली जिले के स्थानीय कलाकार जिला प्रशासन के आमंत्रण को ठुकरा दिया है विंध्य सत्ता प्रतिनिधि द्वारा इस संबंध में सीईओ जिला पंचायत गजेंद्र सिंह नागेश से एक पखवाड़ा पूर्व चर्चा करने पर उन्होंने बताया था कि स्थानीय कलाकारों को पारितोषिक देने के संबंध में विचार चल रहा है जल्दी ही कोई निर्णय लिया जाएगा इसके बाद पुनः उनसे चर्चा की गई तो वही शब्द फिर से दोहराया गया मतलब प्रशासन स्थानीय कलाकारों को पारितोषिक देने के सम्बन्ध में निर्णय नहीं ले पा रहा है
पूरे जिले में छिपी हैं हजारों प्रतिभाएं
सिंगरौली जिले में कला का प्रदर्शन करने एवं प्रतिभा निखारने के लिए कोई मंच नहीं है ऐसे में सिंगरौली महोत्सव एक बहुत अच्छा मंच साबित हो सकता था लेकिन दुर्भाग्य है कि स्थानीय कलाकारों का सम्मान सिंगरौली महोत्सव में किसी भी वर्ष नहीं होता जबकि सिंगरौली जिले में पर्याप्त पैसा है और सिंगरौली महोत्सव में करोड़ों रुपए खर्च भी होते हैं लेकिन स्थानीय प्रतिभाओं को निखारने के लिए बिल्कुल भी खर्च नहीं किया जाता यही वजह है की प्रतिभाएं दम तोड़ देती हैं ज्ञात हो कि जिले के देवसर चितरंगी सरई तथा बैढ़न सहित पूरे जिले में करीब हजारों की संख्या में गायक हैं इनमें से कई बहुत ही सुरीले गायक हैं साथ ही इन्होंने शास्त्रीय संगीत की भी शिक्षा ग्रहण की है लेकिन सिंगरौली महोत्सव में इन कलाकारों का सम्मान नहीं होता यही वजह है कि अधिकांश कलाकार सिंगरौली महोत्सव में भाग नहीं ले रहे हैं, जबकि स्थानीय कलाकार यदि भाग लेते तो कुछ पारंपरिक गीतों को भी पहचान मिलती
पारितोषिक देने जिम्मेदार नहीं ले पा रहे निर्णय
वैसे तो किसी भी वर्ष सिंगरौली महोत्सव में भाग लेने वाले स्थानीय कलाकारों को कोई भी पारितोषिक नहीं मिलता लेकिन इस वर्ष कुछ स्थानीय कलाकारों ने समाचार पत्र के माध्यम से अपनी मांग उठाई है इस संबंध में जिला पंचायत सीईओ गजेंद्र सिंह नागेश ने चर्चा के दौरान कहा है कि स्थानीय कलाकारों को पारितोषिक देने के संबंध में विचार चल रहा है लेकिन अभी कोई निर्णय नहीं लिया गया है अब आप समझ सकते हैं कि स्थानीय कलाकारों के हित में प्रशासन कितना गंभीर है
इनका कहना है
स्थानीय कलाकारों को सिंगरौली महोत्सव में पारितोषिक मिलना चाहिए इस संबंध में विचार चल रहा है
गजेंद्र सिंह नागेश
सीईओ जिला पंचायत सिंगरौली
