सिंगरौली जिले की व्यवस्था और प्रशासन की गंभीरता पर सवाल तब और गहराने लगे हैं जब एक बार फिर सूत्रो कि माने तो शृंगावली होटल में खुला स्पा सेंटर में देह व्यापार जैसे संगीन गति विधि चल रहे है। बैढन से विंध्यनगर मार्ग पर स्थित यह होटल पहले भी विवादों में रह चुका है, और अब दोबारा यहां स्पा सेंटर की आड़ में अनैतिक गतिविधियों का संचालन होने की खबरों ने जनमानस में चिंता बढ़ा दी है।
स्पा सेंटर का पुराना इतिहास और नई शुरुआत
मिली जानकारी के अनुसार शृंगावली होटल में खुले स्पा सेंटर में पूर्व में भी एक व्यक्ति की न्यू ईयर पर रहस्यमयी मौत हो चुकी है, जिसे बताया जाता है कि मसाज के लिए बुलाया गया था और बाद में वह व्यक्ति छत से गिरा और मौत हो गयी थी। इस घटना के बाद तत्कालीन पुलिस प्रशासन ने स्पा सेंटर पर ताबड़तोड़ छापेमारी की थी। उस दौरान कई लड़कियां आपत्तिजनक हालत में पकड़ी गईं थीं। कार्यवाही के बाद होटल में स्पा सेंटर को बंद किया गया था। इसके बावजूद, कुछ समय बाद उसी स्थान पर दोबारा स्पा सेंटर का संचालन शुरू हो गया उसके बाद अंजली सुधांशु स्पा के मैनेजर की उसी के दूसरे बिलौजी ब्रांच में कर दी गयी थी। उसके बाद स्पा का काम लगभग न के बराबर था लेकिन अब फिर से सिंगरौली शहर देह व्यापार का अड्डा बन चुका है, ऐसा स्थानीय सूत्रों का कहना है।
पूर्व में हो चुका है वीडियो वायरल, गार्ड ने किए थे सनसनीखेज खुलासे
पूर्व में वायरल हुए एक वीडियो में होटल के गार्ड ने खुद कैमरे पर कई सनसनीखेज खुलासे किए थे। उसने बताया था कि कैसे यह पूरा धंधा चलता है, किस तरह से लड़कियों को रखा जाता है और कौन-कौन लोग इससे जुड़े हुए हैं। उस वीडियो के बाद पुलिस ने एक बार फिर कार्यवाही की थी, लेकिन वह सिर्फ एक औपचारिकता बनकर रह गई। जनता के बीच चर्चा है कि इस गोरखधंधे के पीछे स्थानीय राजनीति और प्रशासनिक तंत्र की मिलीभगत है। स्पा सेंटर के संचालकों ने कथित रूप से राजनीतिक और पुलिसिया पकड़ मजबूत कर ली है, जिसके कारण कार्रवाई ठंडे बस्ते में डाल दी जाती है।
युवा पीढ़ी के भविष्य पर खतरा..?
शहरवासियों का यही सवाल है जब होटल के अंदर स्पा सेंटर के नाम, स्थान, और गतिविधियां सबकुछ सार्वजनिक हो चुकी हैं, तो प्रशासन चुप क्यों है? पूर्व में हुई दर्दनाक घटनाएं, वीडियो सबूत, छापे – इन सबके बावजूद एक ही जगह पर बार-बार यह गोरखधंधा चलना प्रशासन की नाकामी को दर्शाता है। यदि समय रहते कड़ा कदम नहीं उठाया गया, तो यह सिर्फ कानून व्यवस्था की विफलता नहीं होगी, बल्कि समाज और नई पीढ़ी को अंधकार में धकेलने की एक बड़ी जिम्मेदारी भी होगी।
