रंगभरी एकादशी पर लहुरी काशी गाजीपुर में भोलेनाथ की निकली सवारी।
रिपोर्टर/राजन सिंह
गाजीपुर। रंग भरी एकादशी के अवसर पर नगर की चेतना से बाजेगा के साथ बाबा चीतनाथ जी की झांकी निकाली गई। बताते चले कि रंगभरी एकादशी के अवसर पर बाबा चीतनाथ व कोटेश्वर नाथ महादेव के साथ होली खेलने की परंपरा चली आ रही है। इसपौराणिक मान्यताओं के अनुसार काशी स्थित लहुरी काशी में आज सोमवार को प्रातः काल से ही बाबा चीतनाथ की भव्य प्रतिमा को पालकी पर सवार होकर बाबा अमरनाथ महादेव से मिलने निकलते जिसमें बाजे गाजे हो संगीत में भजन होली खेले मसाने में होली गीत की धुन पर श्रद्धालु गण झूमते हुए बाबा की झांकी के साथ आगे आगे चल रहे थे। उधर नगर क्षेत्र में बाबा की झांकी का स्वागत जगह-जगह फूलों से किया जा रहा था।
साथ ही अबीर गुलाब से रास्ता रंग गया था संभ्रांत नागरिकों ने भी बाबा का स्वागत करके अपना श्रद्धालुओं को ठंडई,लड्डू, बर्फी, व पानी की पैकेट वितरण कर भक्तों का मनुहार किया। जगह-जगह राधा कृष्ण भगवान शंकर बने कलाकारों ने गुलाल अबीर खेलते हुए लोगों का मनमोहन लिया और हर हर महादेव से पूरा नगर गूंज उठा। पत्रकारों से वार्ता के दौरान आयोजक अभिषेक ने बताया कि काशी के बाबा विश्वनाथ जी की झांकी रंगभरी एकादशी के दिन निकलती है जिसमें माता गौरी जी का गौना लेने बाबा जाते हैं उसी पौराणिक मान्यताओं के अनुसार लहुरी काशी गाजीपुर में भी रंग भरी एकादशी को यह झांकी निकाली जाती है। और चीतनाथ कोट मुहल्ले के लोगो के साथ निकालतेहै। जिसमें फूलों की वर्षा करते हुए तथा अबीर गुलाल से स्नान कराते है। और बाबा चीतनाथ अपनी झांकी पर सवार होकर बाबा अमरनाथ के मंदिर रायगंज मोहल्ले में मिलने जाते हैं और वहां से मिलने के पश्चात झांकी नगर के लाल दरवाजा स्थित बाबा अभयेश्वर में मंदिर होते हुए मिश्र बाजार स्थित शिव मंदिर पर जाते हैं फिर उसके बाद प्रसाद वितरण करके पुणे वहां से वापस चिटनाथ के लिए प्रस्थान कर जाते हैं।
वही आज के दिन से ही होली खेलने की शुरुआत हो जाती है। इस अवसर पर हृदय प्रकाश राजू प्रजापति अभिषेक आलोक सुधीर केसरी गुड्डू केसरी कल्लू सेठ दीनदयाल उमाशंकर सूरज अंजनी सहित सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु गण उपस्थित रहे ।
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