रेण नदी से रेत का हो रहा अवैध उत्खनन, ज़िम्मेदार मौन
मध्य प्रदेश सिंगरौली विकास दुबे।
शासकीय निर्माण विकास कार्यों व अन्य जगहों पर पहुंच रही चोरी की रेत
वर्तमान समय में गोभा क्षेत्र अंतर्गत आने वाले 6 ग्राम पंचायत जैसे गोभा, बरहपान, ऊर्ती, पिपराकुरंद, करौटी तथा चरगोड़ा में इन दिनों सिंगरौली जिला खनिज प्रतिष्ठान तथा अन्य मदों से मिले करोड़ों रुपए की राशि से निर्माण विकास कार्य हेतु पुलिया, पी.सी.सी. सड़क, बाउंड्री वॉल, अतिरिक्त स्कूल कक्ष इत्यादि का बड़े जोर-शोर से निर्माण कार्य चल रहा है। उपरोक्त निर्माण कार्यों में भारी मात्रा में रेत की आवश्यकता पड़ती है। रेत की भारी मात्रा में मांग को देखते हुए रेत माफ़िया चोरी को ही अपना मुख्य व्यवसाय बना लिये है।
सबसे बड़ा सवाल उपरोक्त पंचायते रेत चोरों से चोरी की रेत क्यों खरीदते है। क्या यह रेत उन्हें मुफ्त में मिलता है। जवाब है नहीं। यह रेत पंचायतें सिर्फ इसलिए खरीदते हैं क्योंकि पंचायत को यह चोरी का रेत बाजार भाव से कम मूल्य पर मिलता है। जनपद पंचायत बैढ़न के मुख्य कार्यपालन अधिकारी को भी ऐसे पंचायतों पर कार्यवाही करनी चाहिए जो चोरी के रेत खरीद कर मध्यप्रदेश शासन को मिलने वाले लाखों रूपए राजस्व की क्षति पहुंचाते हैं।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार रेत चोरों के इन आपराधिक संगठन का सरगना कोई मनोज नामक व्यक्ति को बताया जा रहा है। जो इस अवैध धंधे को बहुत ही सुनियोजित तरीके से संचालित कर रहा है। अब ऐसे में सवाल यह उठता है कि क्या पुलिस प्रशासन या खनिज विभाग इन अवैध रेत चोरो पर अंकुश लगाने में कामयाब हो पाती है या फिर अवैध रेत का कारोबार ऐसे ही जारी रहेगा?