
मध्य प्रदेश सिंगरौली।
सिंगरौली जिले के बैढ़न कोतवाली थाना क्षेत्र के अंतर्गत गनियारी रेलवे क्रॉसिंग के समीप अवैध मुरूम मिट्टी खनन का खेल जोरों पर है। सरकारी जमीन पर खुलेआम हो रहे इस अवैध उत्खनन से न केवल राजस्व को भारी नुकसान हो रहा है, बल्कि सड़क सुरक्षा और जनसुरक्षा को भी खतरा पैदा हो गया है। इसके बावजूद, खनिज विभाग और पुलिस प्रशासन की उदासीनता ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं।
खुलेआम हो रहा गनियारी में अवैध खनन जिमेदारो ने किया नजर अंदाज..
गनियारी रेलवे क्रॉसिंग के बगल में मुरूम मिट्टी का अवैध खनन बड़े पैमाने पर हो रहा है। भारी ट्रैक्टरों और अन्य वाहनों के जरिए मुरूम का परिवहन किया जा रहा है। इन वाहनों की लापरवाह आवाजाही से न केवल दुर्घटनाओं की आशंका बढ़ गई है, बल्कि क्षेत्रीय नागरिकों को भी भारी असुविधा का सामना करना पड़ रहा है। स्थानीय लोगों का कहना है कि ट्रैक्टरों की स्टेयरिंग संभालने वाले नाबालिग बच्चे अक्सर अनियंत्रित होकर सड़कों पर खतरा उत्पन्न कर देते हैं।
जानकारी देने के बाद खनिज विभाग की निष्क्रियता..
स्थानीय नागरिकों द्वारा कई बार शिकायत किए जाने के बावजूद खनिज विभाग इस मामले में ठोस कार्रवाई करने से बच रहा है। इससे पहले इसी स्थान पर खनिज विभाग द्वारा कार्रवाई की गई थी, लेकिन अब वही अवैध खनन पुनः शुरू हो गया है। इस बार खनिज विभाग के अधिकारी कार्रवाई करने से कतराते नजर आ रहे हैं। यह स्थिति इस ओर इशारा करती है कि खनिज विभाग के भीतर कहीं न कहीं अवैध खनन माफिया का दबाव काम कर रहा है। नागरिकों का कहना है कि एक स्थानीय खनन माफिया, जिसे “लाला” के नाम से जाना जाता है, खनिज विभाग में अपनी पकड़ मजबूत कर ली है। इस वजह से अधिकारी कार्रवाई करने से बच रहे हैं।
पुलिस प्रशासन भी सवालों के घेरे में ….
सिर्फ खनिज विभाग ही नहीं, बैढ़न कोतवाली थाना प्रभारी की भूमिका भी संदेह के घेरे में है। अवैध खनन में लिप्त ट्रैक्टरों की खुलेआम आवाजाही और नाबालिग बच्चों द्वारा ट्रैक्टर चलाने की घटनाओं के बावजूद पुलिस प्रशासन चुप्पी साधे हुए है। स्थानीय लोगों का आरोप है कि थाना प्रभारी की ओर से अवैध खनन के खिलाफ कोई सख्त कदम नहीं उठाए जा रहे हैं। माफिया “लाला” का प्रभाव पुलिस विभाग में भी देखा जा सकता है, जिसके चलते अवैध खनन के कारोबारियों पर कोई कार्यवाही नहीं हो रही। जिसे अवैध खनन से पर्यावरण को भी गंभीर नुकसान हो रहा है। मुरूम मिट्टी के अंधाधुंध उत्खनन से आसपास की भूमि पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है। साथ ही, खनन से निकलने वाली धूल और मिट्टी से वायु प्रदूषण की समस्या बढ़ रही है।
स्थानीय नागरिकों ने अवैध खनन रोकने के लिए प्रशासन से सख्त कार्रवाई की मांग की है। उनका कहना है कि जब तक खनिज विभाग और पुलिस प्रशासन प्रभावी कदम नहीं उठाते, तब तक इस अवैध कारोबार पर रोक लगाना मुश्किल होगा।
अपने पद को ग्रहण करते हुए अपने शपथ को याद कर प्रशासन को जागने की जरूरत..
खनिज विभाग और पुलिस प्रशासन की निष्क्रियता न केवल सरकारी राजस्व के नुकसान का कारण बन रही है, बल्कि क्षेत्रीय नागरिकों की सुरक्षा और पर्यावरण के लिए भी खतरा उत्पन्न कर रही है। अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि प्रशासन इस गंभीर मामले में कब और कैसे कार्रवाई करता है।
सरकार और संबंधित विभागों को अवैध खनन पर रोक लगाने के लिए तत्काल कदम उठाने होंगे। साथ ही, माफिया के प्रभाव को खत्म करने के लिए जवाबदेही सुनिश्चित करनी होगी।