काव्य संगम समारोह का आयोजन किया गया
ब्यूरो चीफ पं0कृष्ण विहारी त्रिवेदी
गाजीपुर: सिद्धेश्वर नगर स्थित जिला पत्रकार समिति हॉल में राष्ट्रीय मिशन जामवंत से हनुमान जी के तत्वाधान में काव्य संगम समारोह का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम का शुभारंभ संजय कुमार पाण्डेय की वाणी वंदना रसना पर शारदे रानी बसों , रचना में सुधा बरसाती हुए से हुई। हास्य और व्यंग्य के प्रख्यात कवि डॉ विजय कुमार मधुरेश ने बसंती मौसम के संदर्भ में ये रचना प्रस्तुत किया तो श्रोताओं की तालियों से हॉल गूंज उठा।
कोयल जो करे गान तो समझो बसंत है , भंवरे फूलों पे छेड़ॆ तान तो समझो बसंत है।
खेतों में जब सरसों मटर झूमने लगे, महकने लगे सिवान तो समझो बसंत है। कवि रंग बहादुर सिंह ने महाकुंभ के नहान का अनुपम नजारा पेश कर खूब तालिया बटोरी। अति पावन प्रयाग संगम पर मेला अदभुत न्यारा , देव दनुज किन्नर ऋषि मुनिवर मज़्जन करते सारा।
अमर नाथ तिवारी अमर के इस हास्य कविता पर श्रोता ठहाका लगाने को विवश हुए , बन के रहना पति के चरणों की दासी, घर को बनाना स्वर्ग घर वाले को स्वर्गवासी । ओज के कवि दिनेश चंद्र शर्मा ने शहीदों के याद में ये कविता प्रस्तुत करके श्रोताओं को भाव विभोर कर दिया,
18 अगस्त 1942 का ये वक्त सभी को याद रहेगा उस घड़ी ने शिवपूजन को अमर बना दिया, मधुर गीतकार हरिशंकर पाण्डेय ने गजल पेश कर समा बांध दिया
शब्द शब्द शूल हो गए आज के ज़माने में , खुद में मशगूल हो गए खो गए कमाने में
शायर बादशाह राही के गजल को श्रोताओं ने दिल खोलकर सराहा नाम लिख लिख के हथेली पे मिटाना छोड़ॆ।, रेत पर अब तो महल अपना बनाना छोड़ॊ । कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे महा काव्यकार कामेश्वर दुबे ने राधा कृष्ण के माध्यम से फाग प्रस्तुत करके कार्यक्रम को ऊंचाई प्रदान की।
हास्य व्यंग मुक्तकों के माध्यम से मनोरंजक ढंग से संचालन डॉ विजय कुमार मधुरेश ने किया। मौके पर डॉ श्री कांत पाण्डेय, अशोक कुमार श्रीवास्तव, अनिल अनिलाब, भगवती प्रसाद राय , वंश नारायण राय, राजेंद्र उपाध्याय, ब्रज किशोर यादव, राजेश शर्मा आदि रहे। अंत में संयोजक वरिष्ठ पत्रकार सूर्य कुमार सिंह ने कवियों और श्रोताओं के प्रति आभार व्यक्त किया।
ये भी पढ़ें वैज्ञानिकसलाहकार समिति’ की बैठक संपन्न
