औद्योगिक क्षेत्र बलियरी में बिना अनुमति के संचालित है विजय ट्रेडर्स
सिंगरौली। जिला मुख्यालय बैढ़न के औद्योगिक क्षेत्र बलियरी में बारूद कारखानों के साथ साथ अन्य कई कंपनिया भी स्थापित है मिली जानकारी के अनुसार बिना पर्यावरण एनओसी के कई कंपनिया अवैध रूप से संचालित है। जिसमे फैक्ट्री प्रबंधन और मध्य प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी की साठगांठ बताया जा रहा है। सूत्रों के अनुसार सिंगरौली जिला मुख्यालय बैढन से महज चंद किमी दूरी पर औद्योगिक क्षेत्र बैढ़न में विजय ट्रेडर्स द्वारा बिना संचालन की अनुमति लिए गेंहू से आटा उत्पादन का कार्य किया जा रहा है। लेकिन फैक्ट्री प्रबंधन द्वारा मध्य प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड क्षेत्रीय अधिकारी के बिना जानकारी के मनमानी तौर पर शासन के आदेशों और पर्यावरण नियमों, कानूनों को दरकिनार कर चलाया जा रहा है।
बिना अनुमति के हो रहा संचालन
औद्योगिक क्षेत्र बैढ़न में विजय ट्रेडर्स द्वारा बिना संचालन की अनुमति लिए गेंहू से आटा उत्पादन का कार्य किया जा रहा है। मेसर्स विजय ट्रेडर्स, पता-प्लाट नं. 11/बी, औद्योगिक क्षेत्र बैढ़न, जिला-सिंगरौली (म.प्र.) के द्वारा गेंहू से आटा बनाने हेतु आधुनिक संयंत्र लगाने के लिए दिनांक 07/01/2025 को मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड सिंगरौली से संयंत्र स्थापना की अनुमति ली गई थी। मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड सिंगरौली ने द्वारा उपरोक्त फर्म को प्रति वर्ष 20,000 मीट्रिक टन आटा उत्पादन हेतु आधुनिक संयंत्र के स्थापना हेतु अनुमति दी थी। लेकिन विजय ट्रेडर्स को प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से अभी तक संचालन की अनुमति नहीं मिली है। उसके बाद भी फर्म संचालित हो गयी है। अब देखने में यह आ रहा है कि उपरोक्त फर्म के द्वारा मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड सिंगरौली के अधिकारी व कर्मचारियों की जानकारी के बिना, वैध संचालन की अनुमति लिए ही विगत माह से आटा का उत्पादन किया जा रहा है और पर्यावरण के नियमों का पालन नहीं किया जा रहा है।
कई अन्य बड़े उद्योग संचालित
सिंगरौली जिले के औद्योगिक क्षेत्र बलियरी में बड़ी संख्या में बारूद कारखानों के साथ ही रसायन उद्योग तथा कई अन्य बड़े उद्योग संचालित हैं। यहा स्थित उद्योगों द्वारा जहरीले व घातक रसायनों के उत्पादन के दौरान जल व वायु के दूषित होने का खतरा हमेशा बना रहता है। उद्योगों से हो रहे प्रदूषण के प्रभावी रोकथाम के लिए पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा नियमावली बनाए गए है। म.प्र.में ऐसे सभी उद्योग जिसमें उत्पादन के दौरान जल और वायु प्रदूषित होते हैं उन सभी को म.प्र.प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से संचालन की अनुमति लेना अनिवार्य होता है।
बिना एनओसी फैक्ट्री संचालन आपराधिक मामला
बताया जाता है कि बिना एनओसी के किसी फैक्ट्री का संचालन आपराधिक मामला माना जाता है। जबकि जल अधिनियम-1974 और वायु अधिनियम-1981 के तहत पूर्व सहमति के बिना किसी औद्योगिक संयंत्र को संचालित करना जल, वायु और पर्यावरण संरक्षण अधिनियम-1986 के तहत दण्डनीय अपराध है।
आप के माध्यम से मामला संज्ञान में आया है हम जाँच करवाते है बिना अनुमित के फैक्ट्री संचालन करना गलत है।
संजीव मेहरा
प्रदूषण अधिकारी सिंगरौली
