सिंगरौली:- विगत 35 वर्षों से पूर्व एनसीएल प्रबंधन और एनटीपीसी प्रबंधन ने स्थानीय लोगों से एग्रीमेंट किया था जिसमें एनटीपीसी क्षेत्र के 5 किलोमीटर के दायरे में विस्थापितों को रोजगार और साथ ही संपूर्ण बिजली पानी की व्यवस्थाएं निशुल्क प्रदान करेंगे लेकिन स्थानीय शासन की साथ गांठ से वर्तमान स्थितियों में चाहे वह विंध्यनगर हो या मोरवा हो जयंत हो या अन्य क्षेत्र हो स्थितियां यह निर्मित हो रही है की जो शर्तें विस्थापितों के मध्य स्थापित हुई थी उन शर्तों के अनुसार एनटीपीसी और एनसीएल प्रबंधन खड़ा नहीं उतर रहा है यह विस्थापितों के साथ बहुत बड़ा धोखा है एनसीएल प्रबंधन के अंदर आए दिन इतनी तेज गति से ब्लास्टिंग होती है कि उसका असर 25 किलोमीटर चारों तरफ देखने को मिलता है सिंगरौली नगर निगम के अंदर रहवासियों के घर में दरारे परिलक्षित हो रही हैं कब क्या बड़ी घटनाएं इस ब्लास्टिंग से हो जाए इसका आकलन करना अत्यंत कठिन है आज यह स्थिति हो चुकी है कि मझौली अंतर्गत ड्रोन के माध्यम से पुनः सर्वे किया जा रहा है जिसमें भू अर्जन अधिनियम की विभिन्न धाराओं के अंतर्गत ग्रामीण जन की बात को ना सुनकर मनमर्जी और तानाशाही कर जिले के कलेक्टर और एसपी दबाव देकर बिना मुआवजा के जमीन को अधिग्रहण करने की मनसा से कार्यवाही करने में जुटे हुए हैं जिसमें माननीय मुख्यमंत्री जी को ध्यान आकर्षण करना उचित होगा जनता क्या चाहती है जनता के अंदर क्या विचार भाव उत्पन्न है इसको शासन जानने के उपरांत ही किसी भी कार्य को करना नितांत आवश्यक होता है लेकिन सिंगरौली जिला एक कोलफील्ड एरिया होने के नाते यहां हर प्रकार के अधिकारी अपना अपना स्थानांतरण पैसे कमाने की दृष्टिकोण से कर रहे हैं लेकिन सारी सुख सुविधाओं के बीच यहां की आम जनता परेशान है उसका खून चूस जा रहा है कोई पूछने वाला नहीं है कि तुम्हारा आगे का भविष्य क्या होगा शासन प्रशासन का अंग्रेजों के समय कल का व्यवहार अब देखने को प्राय: मिलने लगा है लॉर्ड डलहौजी तो चले गए लेकिन अपनी संताने छोड़कर **शेष अगले अंक में*