उपभोक्ताओं की सेहत पर मंडरा रहा खतरा बिना निर्माण तिथि व मूल्य अंकित आटे की खुलेआम बिक्री
सिंगरौली। जिले में खाद्य अधिकारियों की लापरवाही का खामियाजा अब आम नागरिकों को भुगतना पड़ रहा है। विभागीय अधिकारियों की निष्क्रियता और अनियमितताओं पर आंख मूंद लेने के कारण शहर में संचालित आटा उत्पादन करने वाले उद्योगों पर किसी भी प्रकार की नियमित जांच नहीं की जा रही है। इसका सीधा असर उपभोक्ताओं की सेहत और अधिकारों पर पड़ रहा है नगर पालिक निगम सिंगरौली के वार्ड क्रमांक 40 के थाना रोड बैढ़न में स्थित विजय ट्रेडर्स नामक उद्योग में प्रतिदिन भारी मात्रा में गेहूं से आटा उत्पादन किया जाता है।
सूत्रों के अनुसार, यह उद्योग लंबे समय से खाद्य विभाग के नियमों की खुलेआम अनदेखी कर रहा है। विजय ट्रेडर्स द्वारा तैयार किए गए आटे को 5 किलो, 10 किलो और 50 किलो की बोरियों में पैक कर जिलेभर के थोक व फुटकर किराना दुकानों में सप्लाई किया जाता है। लेकिन सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि इन पैक बोरियों पर न तो अधिकतम विक्रय मूल्य (MRP) अंकित किया जाता है, न बैच क्रमांक और न ही निर्माण तिथि। यह सीधे-सीधे खाद्य सुरक्षा मानकों और पैकेजिंग नियमों का गंभीर उल्लंघन है। बिना निर्माण तिथि के आटा बेचने से उपभोक्ताओं की जान पर खतरा।
स्थानीय सूत्रों का कहना है कि विजय ट्रेडर्स के आटे का उपयोग जिले के हजारों परिवार रोजाना करते हैं। बरसात के मौसम में आटा जैसे खाद्य पदार्थ बहुत जल्दी खराब हो जाते हैं। निर्माण तिथि अंकित न होने से उपभोक्ताओं को यह जानने का कोई साधन नहीं रहता कि आटा कब पैक हुआ है और वह खाने योग्य है या नहीं। ऐसे में उपभोक्ताओं को अनजाने में दूषित या खराब आटा खाने को मजबूर होना पड़ता है, जिससे खाद्य जनित बीमारियों का खतरा कई गुना बढ़ जाता है।
विभाग की चुप्पी पर सवाल
आश्चर्य की बात यह है कि जिले के विभाग के अधिकारी न तो इन उद्योगों की नियमित जांच करते हैं और न ही नियमों के उल्लंघन पर कोई कार्रवाई। यह स्थिति तब है जब खाद्य विभाग को बाजार में बिक रहे हर पैक्ड खाद्य उत्पाद की गुणवत्ता और नियमों की निगरानी की जिम्मेदारी दी गई है यदि समय रहते विभाग ने विजय ट्रेडर्स की अनियमितताओं पर सख्त कार्रवाई नहीं की, तो किसी भी दिन दूषित आटा खाने से सैकड़ों लोगों के बीमार पड़ने की स्थिति उत्पन्न हो सकती है।
स्थानीय नागरिकों ने की सख्त कार्रवाई की मांग
क्षेत्र के नागरिकों और उपभोक्ता संगठन के सदस्यों ने जिला प्रशासन और विभाग से मांग की है कि तत्काल प्रभाव से विजय ट्रेडर्स की फैक्ट्री की जांच की जाए, नियमों के उल्लंघन पर कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाए और सभी आटा उत्पादन इकाइयों पर नियमित निरीक्षण सुनिश्चित किया जाए यह मामला सिर्फ एक उद्योग का नहीं, बल्कि पूरे जिले मेंजी उपभोक्ताओं की खाद्य सुरक्षा और अधिकारों से जुड़ा हुआ है। जिला प्रशासन को अब और आंखें मूंदे नहीं रहना चाहिए। समय रहते सख्त कार्रवाई ही भविष्य में होने वाली किसी संभावित खाद्य जनित आपदा को टाल सकती है।
